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पीसीएस प्री के आधा दर्जन प्रश्नों पर आपत्ति UPPCS PRE EXAM

पीसीएस प्री के आधा दर्जन प्रश्नों पर आपत्ति

UPPCS PRE EXAM 


प्रयागराज,। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र को लेकर विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। 12 अक्तूबर को आयोजित पीसीएस और एसीएफ/आरएफओ 2025 प्रारंभिक परीक्षा के भी आधा दर्जन से अधिक प्रश्नों पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति की है। साक्ष्यों के साथ सभी आपत्तियां आयोग को ऑनलाइन और ऑफलाइन भेजी जा रही हैं।

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प्रश्न पुस्तिका बार कोड 2471441 के प्रश्न संख्या आठ में अटल सुरंग संबंधित प्रश्न का जवाब आयोग ने 'यह सुरंग विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है' सही माना है। जबकि एनसीईआरटी और अन्य सरकारी साक्ष्यों के आधार पर छात्र 'यह सुरंग विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है' और 'यह सुरंग हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में बनाई गई है' दोनों विकल्पको सही मान रहे हैं।

प्रश्न संख्या 18 में लाइफ स्टाइल फॉर द एनवायरमेंट (लाइफ) से संबंधित प्रश्न का उत्तर आयोग ने जून 2022 में लांच माना है, जबकि अभ्यर्थी इसे अक्तूबर 2022 में लांच बता रहे हैं। काम के बदले अनाज कार्यक्रम से संबंधित प्रश्न का जवाब ग्रामीण विकास विभाग मंत्री के लोकसभा में दिए जवाब के आधार पर छात्र 2001 में शुरू होना बता रहे हैं।

एक अन्य प्रश्न में आयोग ने हिंद महासागर को इरिश्रियन सागर माना है, जबकि एनसीईआरटी की 12वीं की किताब के आधार पर छात्र इरिथ्रियन सागर को लाल सागर सही मान रहे हैं। विद्रोहों को कालाक्रमानुसार क्रम में व्यवस्थित करने संबंधित प्रश्न में आयोग ने संन्यासी, नील, कूका और पबना को सही माना है, जबकि अभ्यर्थियों ने साक्ष्यों के आधार पर संन्यासी, कूका, नील व पबना को सही माना है। एक अन्य प्रश्न में अभ्यर्थियों

का कहना है कि मंत्रिपरिषद (कार्यपालिका) सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदाई होती है न कि व्यवस्थापिका (संसद) के, क्योंकि संसद में राष्ट्रपति, राज्यसभा और लोकसभा तीनों शामिल होते हैं। अभ्यर्थी राजन त्रिपाठी का कहना है कि आपत्तियां लेने के बाद भी अंतिम उत्तरकुंजी जारी न करने की आयोग की प्रथा 'परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता पर प्रश्न चिह्न' लगाती है। अभ्यर्थी गौरव चौहान, प्रियांशु श्रीवास्तव, विकास सिंह, आनंद यादव का कहना है कि आयोग को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी करने से पूर्व अंतिम उत्तर कुंजी अवश्य जारी करनी चाहिए ताकि अभ्यर्थियों को पता लग सके कि वह किस वजह से परीक्षा के अगले चरण के लिए सफल-असफल हुआ है।

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